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Bharatiya Jnanpith

युगान्त

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9788126311033
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युगान्त - 
'युगान्त' एक नाट्यत्रयी है जिसमें एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों की जीवन शैली, विचारधारा और द्वन्द्व समाहित हैं। इसके तीन अंक हैं-'बाड़े की घेराबन्दी', 'तालाब के पास खण्डहर' और 'युगान्त'। कथासूत्र और आश्रय में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। भारतीय नाट्यविधा में ऐसी शैली का प्रयोग कम ही देखने को मिलता है।
परम्परा पोषित संयुक्त परिवार की ग्रामीण व्यवस्था अर्थप्रधान, भोगवादी एवं व्यक्तिमुखी शहरी संस्कृति के आक्रमण से घटित होने वाले आवंछित परिणामों के साथ ही यह कृति भविष्य की दारुण परिणतियों का निदर्शन करती हैं। इस नाटक में तीन पीढ़ियों के माध्यम से ग्रामीण जीवन की सहजता, समन्वयवादिता, एकरूपता के साथ सामूहिक निष्क्रियता, भीरूता, मिथ्या प्रदर्शनप्रियता, धार्मिक रूढ़िवादिता, चारित्रिक भ्रष्टता जैसी प्रवृत्तियों को प्रभावी ढंग से उद्घाटित किया गया है। वर्तमान ग्रामीण और शहरी जीवन के विभिन्न स्तरों पर जारी संघर्षों का भी यथार्थ एवं मार्मिक चित्रण इस नाट्यकृति में देखा जा सकता है।

ISBN
9788126311033
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Bharatiya Jnanpith
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Publication Bharatiya Jnanpith
महेश एलकुंचवार (Mahesh Elkunchwar)

"महेश एलकुंचवार - महेश एलकुंचवार भारतीय रंगमंच के महत्वपूर्ण और प्रभावशाली नाटककारों में से एक हैं। मूल मराठी भाषा में लिखे गये उनके नाटकों का कई भारतीय भाषाओं के साथ-साथ अंग्रेज़ी, फ्रेंच और जर्मन में अनुवाद और प्रदर्शन किया गया है। उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाज़ा गया है। उनके कई नाटकों पर फ़िल्मों आदि का निर्माण केतन मेहता, अपर्णा सेन और गोविंद निहलानी जैसे संवेदनशील निर्देशकों द्वारा किया गया है। महेश एलकुंचवार के नाटकों में शहरी परिवेश के साथ समकालीन समय, ग्रामीण/सामन्ती मूल्य और शहरी आकांक्षाएँ दर्ज हैं। "

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