Blogs
-
- June 04, 2025
‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ और ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित मलयालम के प्रमुख हस्ताक्षर एम.टी. वासुदेवन नायर का उपन्यास ‘कालम्’ आपको क्यों पढ़ना चाहिए?
60’-70’ के दशक में शहरीकरण के बढ़ते क़दम युवाओं को अपने घर से दूर करते जा रहे थे। इस बीच न सिर्फ़ परिवार की परिकल्पना बदल रही थी, बल्कि सामाजिक ढाँचे भी तब्दील हो रहे थे। इसके बीच युवाओं का आन्तरिक विरोधाभास, घर से दूर घर बसाने का सपना, प्रेम और पूँजी की खोज उनमें ‘एंग्री यंग मैन’ की पहली झलक दिखा रहे थे। ‘कालम् ‘इसी काल का दस्तावेज़ है। आइये जानते हैं ‘कालम्’ की कहानी के बारे में और पढ़ते हैं इस उपन्यास का एक अंश-
कहानी 1960 के प्रारम्भ में केरल में भूमि सुधारों और ग़रीबी के सन्दर्भ में है। सेतु माधवन वल्लुवनाड के एक परिवार का सदस्य है। वह अपनी उपलब्धियों को किसी काम न आने वाली विशेषता समझता है और जानता है कि जीवन समय की दया पर चलता है। उसकी महत्त्वाकांक्षाएँ उसके परिवार की ग़रीब और उसके पिता की उपेक्षा से उपजी हैं। वह कॉलेज के हॉस्टल की आलीशान जीवनशैली के सामने ख़ुद को छोटा पाता है और उसके आगे घुटने टेक देता है।
-
- April 13, 2025
Welcome to Magento 2 Blog extension by Magefan. This is your first post. Edit or delete it, then start blogging!