Aadhunik Braj - Avadhi Kavya - Darpan ( Textbook)
हिन्दी साहित्य के इतिहास में आधुनिक हिन्दी कविता का तात्पर्य केवल खड़ीबोली की कविता से नहीं है। इस काल के काव्य में ब्रज, अवधी, राजस्थानी, बुन्देलखंडी और भोजपुरी आदि में रचित साहित्य का भी प्रशंसनीय योगदान रहा है। इसके बावजूद आधुनिक हिन्दी कविता केवल खड़ीबोली में सृजित नयी कविता / अकविता के रूप में ही जानी पहचानी जाती है। आधुनिक युग में विभाषाओं के अन्तर्गत अनेक विधाओं, काव्यप्रवृत्तियों और विचारधाराओं से युक्त साहित्य का सृजन हो रहा है। इस नाते आज की कविता की मुख्य धारा कौन-सी है ? पहचानना कठिन हो रहा है। वस्तुतः आधुनिक चेतना की समस्त चिंतनधारा एक स्तर पर मिलकर हिन्दी काव्यधारा का स्वरूप ग्रहण कर लेती है। इसके अन्तर्गत खड़ीबोली की प्रमुखता के साथ ही इन विभाषाओं का योगदान भी कमतर नहीं है। एतदर्थ इनका अध्ययन-अध्यापन उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अनिवार्य हो गया है।