Asadhya Veena ki Sadhana
'असाध्य वीणा' अज्ञेय की सर्वोत्तम कविता है। कथ्य और संरचना दोनों ही दृष्टियों से यह हिन्दी की अप्रतिम कविता है। चीनी लोककथा पर लिखित जापानी लेखक आकोकुरा के कथा- संकलन 'द बुक ऑफ़ ट्री' में संकलित तथा 'टेमिंग ऑफ़ द हार्प' कहानी पर आधारित यह कविता अज्ञेय के कवि-कर्म की उपलब्धि तो है ही, अपने रचनाकाल से ही यह हिन्दी के विद्वानों और पाठकों के आकर्षण और चर्चा का विषय रही है। द्वैत से अद्वैत, मम से ममेतर और मौन से मुखर तथा मुखर से पुनः मौन की यात्रा करने वाली यह कविता अपनी अन्तिम निष्पत्ति में यह सन्देश देती है कि अहंकार छोड़कर पूरी क्षमता और समर्पण से प्रयास किया जाये तो किसी भी महान लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। यह कविता प्रतियोगी परीक्षाओं और लगभग प्रत्येक विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल है। इस पुस्तक में जिन विद्वानों के लेख संकलित हैं, उनके विचार एक जैसे नहीं हैं और ऐसा होना सम्भव भी नहीं है। इसीलिए ये लेख विभिन्न दृष्टियों से कविता के मर्म को उद्घाटित करते हैं। मुझे विश्वास है कि यह पुस्तक अज्ञेय के पाठकों को अज्ञेय और उनकी 'असाध्य वीणा' को समझने में सहायक सिद्ध होगी। इस पुस्तक के विद्वान लेखकों के प्रति मैं कृतज्ञ हूँ।