Aushwitz : Ek Prem Katha
As low as
₹399.00
In stock
Only %1 left
SKU
9789355182586
"
“आउशवित्ज़ : एक प्रेम कथा - स्त्री के प्रेम और स्वाभिमान के तन्तुओं से बुने इस उपन्यास के पात्र और घटनाएँ सच्ची हैं, इतिहास इन घटनाओं का मूक गवाह रह चुका है। हिटलर की नात्सी सेना द्वारा यहूदियों के समूल खात्मे के लिए बनाये यातना शिविरों में से एक है आउशवित्ज़-जो अब संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है। युद्ध के निशान ढूँढने पहुँची प्रतीति सेन, अपने जीवन को फिर से देखने की दृष्टि आउशवित्ज़ में ही पाती है। प्रतीति कब रहमाना ख़ातून हो उठती है और कब रहमाना ख़ातून प्रतीति-पहचानना मुश्किल है। कथा शिल्प की दृष्टि से प्रोफ़ेसर गरिमा श्रीवास्तव की प्रस्तुति काफ़ी प्रभावशाली है।""
-प्रोफ़ेसर हेइंज वेर्नर वेस्लर यूनिवर्सिटी ऑफ उप्पसला, स्वीडन
गरिमा श्रीवास्तव का यह उपन्यास आउशवित्ज़ एक प्रेम कथा विश्व साहित्य में युद्ध विरोधी लेखन की एक मिसाल है। द्वितीय विश्व युद्ध और बांग्लादेश मुक्ति युद्ध की स्मृतियों के तनाव के बीच यह बहुस्तरीय उपन्यास लिखा गया है जो कभी-कभी आत्मकथा का भ्रम देने लगता है। यह स्मृतियों के आर्केटाइप जैसा कुछ है जो अपने संरचनात्मक रूप में बहुस्तरीय है। उपन्यासकार इतिहास और वर्तमान के बीच आवाजाही करता है। उपन्यास के भाषिक प्रयोग और भाषा की काव्यात्मकता का मैं क़ायल हूँ। मैं समझता हूँ यह उपन्यास पाठकों को बेहद पसन्द आयेगा।
-शेख हफीजुल इस्लाम डिप्टी सेक्रेटरी टू द गवर्नमेंट ऑफ बांग्लादेश और भूतपूर्व कैम्प इंचार्ज, कॉक्स बाज़ार, बांग्लादेश
"