Bangladesh Mein Hindu Sanhaar

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बांग्लादेश में एक ऐसा अल्पसंख्यक समुदाय होने के नाते जिसकी भाषा और धर्म वही है, जोकि पश्चिम बंगाल की भारतीय आबादियों की है, हिन्दुओं के साथ बांग्लादेश में भेदभावपूर्ण व्यवहार किया गया है और साथ ही वहाँ के मुसलमानों द्वारा उन पर हमले किये गये हैं। आज़ादी के बाद से बांग्लादेश की किसी भी सरकार द्वारा राजनीतिक ख़तरों के चलते जिनमें इस समय किये जा रहे हमले भी शामिल हैं हिन्दुओं को बचाने के लिए कोई निर्णायक क़दम नहीं उठाए गए हैं। उदाहरण के लिए बांग्लादेश की सरकारों ने अभी तक निहित सम्पत्ति अधिनियम को रद्द नहीं किया है जिसके अन्तर्गत भारत और पाकिस्तान को उन लोगों की सम्पत्ति को ज़ब्त करने की अनुमति प्रदान की गयी थी जो 1965 के युद्ध के दौरान तक दूसरे की सीमाओं के पार चले गये थे। भारत ने युद्ध समाप्त होने के फौरन बाद ही इसे रद्द कर दिया था। पाकिस्तान ने इसे बना रखा और बांग्लादेश ने भी जो कि पहले पूर्वी पाकिस्तान था। बांग्लादेश में रहने वाले लगभग सभी हिन्दू इस अधिनियम से प्रभावित हुये हैं, क्योंकि कई मौक़ों पर लगभग दस लाख हेक्टेयर भूमि हिन्दुओं से केवल इस आरोप पर छीन ली गई है कि उन्होंने देश छोड़ दिया था। इससे हिन्दुओं का मनोबल गिरा है और उनकी आर्थिक हानि हुई है, जिसके कारण वे देश छोड़ने पर मजबूर हुए हैं।

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