Dardapur
As low as
₹350.00
In stock
Only %1 left
SKU
9788126310104
दर्दपुर -
मज़हबी उन्माद और आतंक ने कश्मीर की संस्कृति और समाज का भयावह विखण्डन किया है। किसी ज़माने में कश्मीरी हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच बहुत ही आत्मीय सम्बन्ध रहे। उन सम्बन्धों की अपनी जटिलता भी थी और संवेदनशीलता भी। परन्तु कश्मीर में आये आतंक और विघटन के नये दौर ने उनके सामंजस्य को समाप्त कर दिया; फिर भी वे उन संवेदनों को समाप्त नहीं कर सके जो मनुष्य को मनुष्य बनाते हैं। इन्हीं स्थितियों और ऊहापोह में लिखा गया सुपरिचित लेखिका क्षमा कौल का उपन्यास 'दर्दपुर' अनुभव सम्पन्न और मार्मिक बन गया है। उपन्यास की नायिका सुधा के अनुभव संसार को केन्द्र में रखते हुए लेखिका ने उसके द्वारा धर्म के आधार पर भोगे हुए उत्पीड़न और संवेदना के उस सत्य का उद्घाटन किया है, जो पाठक की सोच को नयी दिशा देता है।