Aahten

In stock
Only %1 left
SKU
9789387409095
Rating:
0%
As low as ₹332.50 Regular Price ₹350.00
Save 5%

आहटें - पवन कुमार की ग़ज़लों की सादगी और उनकी सलाहियत हमें बाहर के शोर से अन्दर की ख़ामुशी तक ले जाती है। दुनियावी कफ़स के मुक़ाबिल एक नामुमकिन-सी लगने वाली रिहाई की सूरत पेश आती हैं उनकी ग़ज़लें ।

उनकी ग़ज़लों में अपनी बात कहने का जो सलीक़ा है, वो पढ़ने वालो के दिलो-दिमाग़ पर बराबर असर करता है। मुहब्बत, आह, तड़प, बेचैनी, मशविरे, संघर्ष, तेवर, तंज, तग़ाफ़ुल उनकी ग़ज़लों के अटूट हिस्से हैं ।

सन्नाटों को जैसे ज़ुबान परोसती चलती हैं पवन कुमार की ग़ज़लें ।

पवन कुमार की ग़ज़लों के गुलशन में रंग-बिरंगे पौधे महकते -चहकते नज़र आते हैं।

वो मेरे अज़ीज़ दोस्त हैं, हम जब भी साथ बैठते हैं तो सोहबत का ये सिलसिला वक़्त की कमी के जुमले के साथ ही ख़त्म होता है ।

एक आला दर्जे की सरकारी नौकरी के साथ पवन कुमार शायरी और तख़य्युल का तवाजुबन कैसे

बनाते हैं, ये मैं आज तक नहीं समझ पाया। उनके बहुत से शे'र मुझे बेहद पसन्द हैं, लेकिन ये एक शे'र मेरी याददाश्त पर यूँ दर्ज है, जैसे पत्थर पे लकीर-

“उसी की याद के बर्तन बनाये जाता हूँ वही जो छोड़ गया चाक पर घुमा के मुझे। "1"

-मनोज मुंतशिर

ISBN
9789387409095
sfasdfsdfadsdsf
Write Your Own Review
You're reviewing:Aahten
Your Rating
Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/