Alochana Ka Atmsangharsh

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आलोचना का आत्मसंघर्ष - 
इस पुस्तक में मैनेजर पाण्डेय के आलोचना सम्बन्धी संघर्षों के विभिन्न मुद्दों व मोर्चों की आज की हिन्दी आलोचना में सक्रिय वरिष्ठ और युवा आलोचकों ने पहचान, व्याख्या और मूल्यांकन की कोशिश की है। उन आलोचकों में शिवकुमार मिश्र, रवि भूषण, सूर्यनारायण रणसुभे, प्रणय कृष्ण, रामबक्ष, गोपेश्वर सिंह, रोहिणी अग्रवाल, ज्योतिष जोशी, अरविन्द  त्रिपाठी, आलोक पाण्डेय, वैभव सिंह, गजेन्द्र पाठक, पंकज चतुर्वेदी, अभिषेक रौशन, प्रभात कुमार मिश्र, राहुल सिंह, राकेश कुमार सिंह, मनोज कुमार मौर्य और राजीव कुमार प्रमुख हैं। इन आलोचकों ने मैनेजर पाण्डेय के आलोचनात्मक प्रयत्नों के मूल्यांकन की प्रक्रिया में समकालीन हिन्दी आलोचना के सामने मौजूद अनेक प्रश्नों, चुनौतियों और समस्याओं का व्यवस्थित विवेचन भी किया है। मैनेजर पाण्डेय के आलोचनात्मक लेखन में सिद्धान्त और व्यवहार, परम्परा और समकालीनता, सामाजिकता और साहित्यिकता, स्त्री-विमर्श और दलित-विमर्श आदि की जो एकता है उसकी खोज और पहचान की कोशिश इस पुस्तक में है।

उम्मीद है कि यह पुस्तक पाठकों को आज की हिन्दी आलोचना को समग्रता में देखने, जानने और उसकी सम्भावनाओं को पहचानने का अवसर प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगी।

ISBN
9789350007716
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