Anek Pal Aur Mai
In stock
Only %1 left
SKU
9788194873600
As low as
₹379.05
Regular Price
₹399.00
Save 5%
"बसन्त चौधरी की सृजन-प्रतिभा के दर्शन मुझे दिल्ली में तब हुए थे, जब मैं उनके ग़ज़ल संग्रह के लोकार्पण-उत्सवः में सम्मिलित हुआ था। एक बहुत संवेदनशील कवि के रूप में मैंने श्री बसन्त चौधरी को वहाँ देखा था और पूर्ण हृदय से उन्हें सराहा भी था। मेरा मानना है कि वे माँ सरस्वती के सच्चे साधक हैं।
उनके शीघ्र प्रकाशित होने वाले काव्य-संग्रह 'अनेक पल और मैं' के लिए मैं अपनी अनन्त मंगल कामनाएँ देता हूँ।
-डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक'
केन्द्रीय शिक्षा मन्त्री
भारत सरकार
नयी दिल्ली (भारत)
܀܀܀
भारत और नेपाल के सांस्कृतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक और साहित्यिक सम्बन्ध अनादि काल से प्रगाढ़ रहे हैं। यही कारण है कि यदा-कदा राजनीतिक मतभेदों के बावजूद दोनों ही देशों के आम जनमानस के आपसी भाईचारे और सामाजिक सरोकारों में सदियों से कोई विशेष अन्तर नहीं पड़ा है।
राजस्थान मूल के नेपाली वरिष्ठ कवि बसन्त चौधरी ने अपनी इन हिन्दी कविताओं में एक ओर जहाँ स्वयं के जिए-भोगे हुए यथार्थ को, प्रेम, विरह, सुख-दुख को व्यक्त किया है, वहीं दूसरी ओर उनके अन्तःकरण में प्रवाहित मानवीय संवेदनाओं, भावनाओं और प्रकृति प्रेम की करुण सलिला भी शब्द रूप में बाहर आ रही है। मुझे आशा है कि हिन्दी पाठकों को ये कविताएँ पसन्द आयेंगी और साहित्य जगत में चर्चित होंगी। 'अनेक पल और मैं' के प्रकाशन पर बधाई एवं शुभकामनाएँ।
-कमल किशोर गोयनका
܀܀܀
""बसन्त चौधरी सम्बन्धों के कवि हैं, गार्हस्थ्य बोध के कवि हैं। अपने देस, अपनी ज़मीन के कवि हैं। नेपाल के लिए उनके मन में अटूट प्रेम है। तभी तो वे स्वच्छ नेपाल की परिकल्पना करते हैं। अपने देश की बेहतरी की कल्पना करते हैं। यह कवि की राष्ट्रीयता है जो उन्हें घर, पत्नी, माँ-पिता व प्रिय से घनिष्ठता से जोड़े रहती है। वह फागुन की राह अगोरता है, सावन की कल्पना में भीगता है, बसन्त और फागुन की जुगलबन्दी उससे बतियाती है, कहना न होगा कि बसन्त चौधरी के नाम में ही ऐसा बसन्ती उल्लास है कि वह उनकी कविताओं में महुए-सा टपकता और महकाता है।""
-डॉ. ओम निश्चल (कवि-गीतकार, आलोचक एवं भाषाविद्)
܀܀܀
""उनकी काव्य रचनाओं में 'हृदय की धड़कन' को महसूस किया जा सकता है। वे जब ग़ज़ल कहते हैं, तो लगता है जैसे उनका 'दिल' ही ग़ज़ल में उतर आता है। मैं तो उन्हें मानवीय-संवेदनाओं का सच्चा पारखी कवि मानता हूँ। "" - डॉ. योगेन्द्र नाथ शर्मा 'अरुण'"
ISBN
9788194873600