Anya Bhasha Shikshan Ke Brihat Sandarbh
अन्य भाषा - शिक्षण के बृहत् सन्दर्भ -
शैलीविज्ञान की आमद ने 'शैली' की अवधारणा को आमूलचूल बदल कर रख दिया है। क्षेत्रीय, सामाजिक, सन्दर्भयुक्त तथा मिश्रित शैली की सामाजिक सम्प्रेषण में ज़रूरी भूमिका ने शिक्षण सामग्री में भी परिवर्तन लाना शुरू कर दिया है। भाषा के भिन्न-भिन्न प्रकार्यों को भी सम्प्रेषण प्रक्रिया के सन्दर्भ में पहचाना तथा अन्य भाषा-शिक्षण में अब पर्याप्त स्थान दिया गया है। कहना न होगा कि इन परिवर्तनों ने भाषा-शिक्षण की प्रविधि और प्रणाली को भी नया मोड़ दे दिया है।
अन्य भाषा-शिक्षण (द्वितीय और विदेशी) के इसी परिवर्तनशील स्वरूप को इस पुस्तक में प्रस्तुत किया गया है। बातें यहाँ सैद्धान्तिक कम, व्यावहारिक अधिक हैं। अन्य भाषा-शिक्षण में इलेक्ट्रानिक मीडिया और कम्प्यूटर की भूमिका पर चर्चा के साथ-साथ सम्प्रेषणपरक द्वितीय भाषा शिक्षण पर यहाँ सम्यक विचार किया गया है। साहित्य भाषा-शिक्षण के लिए इक़बाल के 'तराना-ए-हिन्दी' का विश्लेषण उस नयी प्रविधि का एक नमूना है जिसे भाषा शिक्षण के लिए अपनाने पर आज विशेष बल दिया जा रहा है। साहित्यिक पाठ के माध्यम से भाषा-दक्षता को बढ़ावा देने वाला यह ढाँचा अन्य भाषा शिक्षण के प्रमुख सिद्धान्तों को भी सामने ले आता है।