Ashiyana
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9789357753432
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"आशियाना अपर्णा गोरे का पहला कहानी-संग्रह है। इसमें चौदह कहानियाँ संकलित हैं जिनमें एक नये परिवेश का अनुभव-संसार सृजित है।
संग्रह में 'पीला गुलाब' और 'लिलि का पुष्प' के रूप में जहाँ स्वप्न और सम्बन्धों का सृजन है, वहीं 'सूर्योदय' में सुनहरी किरणों से पवित्र नदियों के संगम-स्थल पर आयोजित कुम्भ मेले के सुन्दर दृश्यों का संयोजन है तो 'चिर-परिचित' में भाई-बहन के अटूट रक्षाबन्धन का सावन की इन्द्रधनुषी छटा से श्रृंगार किया गया है। 'चमकती मछलियाँ' कहानी श्वेत महल के राजकुमार व्योम की जीवन-रेखा के जलाशय को रोशन करती है तो हरी-भरी वसुन्धरा और करुणामयी गंगा नदी की पावन आस्था और अन्तरंगता की भूमि पर जीवन-प्रेम को एक नयी भाषा में रचती भिन्न भावबोध की कहानी है 'हरी आँखों वाली लड़की'।
संग्रह की कहानी 'दीपक' नायक की ज़िन्दगी में नायिका से जुड़ाव का वह रागात्मक अहसास है जिससे रिश्ते की बुनियाद को तल तो मिलता ही है, फ़लक भी मिलता है। 'वैदेही के राम' अपने समय के यथार्थ से टकराती, सुख-दुःख में परिवार को समेटती और अपनी आकांक्षाओं को मूर्त करती सहज ही प्रभावित करने वाली अपने ढंग की कहानी है।
इस संग्रह में आशियाना शीर्षक से दो कहानियाँ हैं। एक में युद्ध की भयावहता को दर्ज किया गया है तो दूसरी में जगमगाते ताल से सुरम्य शहर भोपाल में उस बसेरे की कथा कही गयी है जहाँ परिजन एकत्र शक्ति का द्योतक हैं।
कहने की आवश्यकता नहीं कि लेखिका का यह कहानी-संग्रह अपने पाठ में प्रभावित तो करता ही है, कथ्य से संवाद करते रहने को कहीं ठहर भी जाता है।"
ISBN
9789357753432