
Arvind Mohan
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"अरविंद मोहन - पत्रकार, लेखक और अनुवादक अरविंद मोहन, जनसत्ता, इंडिया टुडे और हिन्दुस्तान में क़रीब ढाई दशक की पत्रकारिता करने के बाद अभी लोकनीति, सीएसडीएस में भारतीय भाषा कार्यक्रम में सम्पादक हैं। इन्होंने पत्रकारिता, मज़दूरों के पलायन और भारतीय जल संचयन प्रणालियों पर किताब लिखने के अलावा उदारीकरण और गुजरात दंगों ('ग़ुलामी का ख़तरा' तथा 'दंगा नहीं नरसंहार') पर पुस्तकें सम्पादित की हैं। उनकी किताबें 'प्रवासी मज़दूरों की पीड़ा' और 'पत्रकार और पत्रकारिता प्रशिक्षण' पुरस्कृत और चर्चित रही हैं। इनके अलावा उन्होंने अमर्त्य सेन, विमल जालान, राजमोहन गाँधी, सच्चिदानन्द सिन्हा, आशुतोष वार्ष्णेय तथा रजनीपाम दत्त की किताबों समेत दर्जन भर अनुवाद भी किये हैं। अभी वे नोबल पुरस्कार विजेता पॉल क्रुगमैन की किताब 'डिप्रेशन इकोनॉमिक्स' का अनुवाद कर रहे हैं जो वाणी प्रकाशन से ही छपकर आने वाली है। "