Bas Itni Si Thi Ye Kahani...
जब एअरपोर्ट पर सीआरपीएफ के जवान किसी आधी सुनी कहानी का अन्त पूछने लग जायें, जब कोटा के प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्र कहें कि कहानियाँ सुनते-सुनते उनकी गणित की पढ़ाई अच्छी हो जाती है, जब दादियाँ पोतियों-पोतों साथ टीवी छोड़ के रेडियो पे कहानियाँ सुनें, जब डिप्रेशन के मरीज कहें कि कहानियाँ सुन के उनका इलाज हुआ, जब नेत्रहीन श्रोता कहें कि वो हर शाम रेडियो पे सुनी कहानियों के साथ एक नयी दुनिया में पहुँचे, जब बंगाल में कोई नानी, कश्मीर में कोई मामी और हैदराबाद में कोई चाचा हिन्दी ठीक से न जानने पर भी एक साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में कहानियाँ सुनें, जब पाकिस्तान से श्रोता फेसबुक पर बताने लगें कि वो घर भर में रेडियो लिए घूमते हैं और जहाँ सिग्नल अच्छा आता है वहीं रुक के सुनने लग जाते हैं, तब सर झुका कर कुदरत की इस करवट का इस्तकबाल करना चाहिए।
क्यूँकि कहानियों का मौसम आ गया।
- नीलेश मिसरा