Publisher:
Vani Prakashan
Bhakti Andolan Aur Surdas Ka Kavya
In stock
Only %1 left
SKU
Bhakti Andolan Aur Surdas Ka Kavya
As low as
₹280.25
Regular Price
₹295.00
Save 5%
भक्ति आंदोलन हमारे समाज के महत्वपूर्ण सांस्कृतिक अनुभवों में से एक है। जनजीवन के संस्कारों और रचनाशीलता पर गहरी छाप छोड़ने वाली भक्ति संवेदना समकालीन सरोकार का विषय है न कि सिर्फ शोध और इतिहास का। पाण्डेय की यह किताब इस विडंबना से टकराने की बड़ी हद तक सार्थक कोशिश है। इसके केन्द्र में है: सूरदास। अब तक उनकी छवि अपने आप में मगन रहने वाले कवि की ही चली आई है। पाण्डेय तर्क संगत ढंग से, सूरकाव्य को समकालीन किसान जीवन से जोड़ते हैं। भ्रमरगीत में आई राजनीतिक शब्दावाली के विलश्ेषण के जरिए पाण्डेय ने ‘‘अराजनीतिक’’ मान लिए गये भक्ति-काव्य की राजनीति के विषय में विचारोत्तेजक संकेत किये हैं।
ISBN
Bhakti Andolan Aur Surdas Ka Kavya
Publisher:
Vani Prakashan