Bhakti Bharati
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9789387919174
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भक्ति भारती -
द्वितीय शताब्दी में आचार्य कुन्दकुन्द देव ने प्राकृत भाषा में भक्तियाँ रचीं। पाँचवीं शताब्दी में आचार्य पूज्यपाद ने संस्कृत भाषा में भक्तियाँ रचीं। वर्तमान इक्कीसवीं सदी में महाव्रती महाकवि आचार्य विभवसागर जी ने हिन्दी भाषा में श्रेष्ठ भक्तियाँ रचीं।
प्रस्तुत कृति में भक्ति भारती भाषा के महाव्रती महाकवि आचार्य विभवसागर रचित युग प्रधान, सारगर्भित, शास्त्र सन्दर्भित एवं स्वरचित सप्रमाणित, मौलिक भक्ति काव्य, रचनाओं का दुर्लभतम, काव्य कोशालय है।
प्रथम शताब्दी में आचार्य शिवकोटि ने भगवती आराधना ग्रन्थ में समाधिमरण का विशद वर्णन किया।
ISBN
9789387919174