Publisher:
Vani Prakashan

Chandramukhi Ka Devdas

In stock
Only %1 left
SKU
Chandramukhi Ka Devdas
Rating:
0%
As low as ₹280.25 Regular Price ₹295.00
Save 5%

मालगुड़ी डेज़ के कथा-शिल्पी आर.के. नारायण ने मालगुड़ी के रीयल कैरेक्टर्स की खासियत को जाँचने-परखने के बाद लेखकीय निगाह से इन चरित्रों में साहित्य के काल्पनिक यथार्थ का समन्वय कर मालगुड़ी डेज़ नामक कहानियाँ लिखीं जिस पर उनके बड़े भाई टाइम्स ऑफ़ इण्डिया के प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट श्री आर.के. लक्ष्मण ने लोकप्रिय कार्टून भी बनाये थे। इन कहानियों पर लोकप्रिय टीवी सीरियल भी बना।

मालगुड़ी डेज़ ही क्यों? हर कस्बाई शहर में कुछ खासियत वाले कैरेक्टर्स मिल जायेंगे। जाँचनेपरखने पर उन पर भी कहानियाँ लिखी जा सकती हैं। कस्बाई शहर खण्डवा में भी ऐसी खासियत वाले चरित्र थे जिन्हें शरद पगारे की लेखकीय निगाह ने खोज निकाला। उनकी ज़िन्दगी की सच्चाइयों के साथ साहित्य के काल्पनिक यथार्थ के रंग भर संवेदना के महीन मुलायम रेशमी धागों से कहानियाँ बुन दीं। खण्डवा के इन चरित्रों से चालीस के बाद के दशकों का सारा शहर परिचित था। शरद जी ने इनकी चारित्रिक विशेषताओं को बरकरार रखते हुए उनकी काया में प्रवेश कर उनकी अनुभूतियों, मानवीय संवेदनाओं से परिचित कराने का प्रयत्न किया। चन्द्रमुखी शान्ता, बहादुर प्रमोद, पारू जीजी, मुहर्रम का शेर जर्मन, बाला दादा, ताराचन्द पहलवान, अवध भैया, विम्मी माने विमला, शेर अली शेरू दादा सभी थे। उनकी शारीरिक बनावट, फ़ीचर्स, स्वभाव, दबंगता, चारित्रिक दृढ़ता, जाँबाजी, प्यार, ममता के लिए जान देने की तैयारी थी। उनकी जिन्दगी की सच्चाई को साहित्य के आईने में जस-का-तस पेश कर दिया है। आईना कभी झूठ नहीं बोलता।

मन को छू लेने वाली मनोहारी, मनोरंजक ये कहानियाँ ज़िन्दगी की सच्चाई व कल्पना के यथार्थ के रंग से बुनी गयी हैं। खण्डवा के ये पात्र-पात्रियाँ आपके सामने पेश हैं। लेखक कहाँ तक सफल हए हैं। इसका मूल्यांकन आपको? आपको? आपको? करना है।

ISBN
Chandramukhi Ka Devdas
Publisher:
Vani Prakashan

More Information

More Information
Publication Vani Prakashan

Reviews

Write Your Own Review
You're reviewing:Chandramukhi Ka Devdas
Your Rating
Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/