Dehgatha Madhavi Ki
देहगाथा माधवी की -
प्रस्तुत उपन्यास पौराणिक है और राजा ययाति की पुत्री माधवी के त्रासद जीवन पर आधारित है। माधवी ने महायोद्धा और दानवीर ययाति की पुत्री होते हुए भी इतना शोषित जीवन जिया जिसने उसके देह-मन की सृष्टि को भी नष्ट कर दिया। यन्त्रणाओं के शूलों के मध्य वह जीवित रही, कदाचित यह उसके जीवन की नियति थी, दुर्भाग्य था, विवशता थी या उस काल की प्रतिष्ठा, विचारणीय है। लेखक ने इस कृति को सार्थक बनाने के लिए माधवी को एक स्त्री के रूप में उकेरा है। उसका द्वन्द्व, संघर्ष, आक्रोश, सत्यवादिता और गहन चिन्तन समकालीनता से जुड़कर अपनी उपयोगिता सिद्ध करना है।
चाहे महानगरीय जीवन हो, चाहे क़स्बाई, चाहे ऐतिहासिक परिवेश हो, चाहे पौराणिक, यादवेन्द्र शर्मा 'चन्द्र' ने हर विषय पर अपनी सशक्त क़लम चलायी है। अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हिन्दी व राजस्थानी के मूर्धन्य साहित्यकार यादवेन्द्र शर्मा 'चन्द्र' का यह उपन्यास 'देहगाथा माधवी की ' अनूठा है और पठनीय भी। समकालीन प्रश्नों को स्पर्श करता हुआ मार्मिक भी है।
Publication | Vani Prakashan |
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