Publisher:
Bharatiya Jnanpith

Dhoop Aur Daria

In stock
Only %1 left
SKU
Dhoop Aur Daria
Rating:
0%
As low as ₹114.00 Regular Price ₹120.00
Save 5%
"धूप और दरिया - धरती ने रूप पाया: तभी से धूप है तभी से दरिया। मानव में बोध जागे: तभी से प्यार की प्यास फूटी, तभी से जिसको मिलना हुआ उसे भर-भर घूँट मिला और जिसके लिए बदा न था उसे ओस की बूँदें तक मुहाल रहीं। शायद यही बात है कि जहाँ दरिया है वहाँ धूप ज़रूर है, पर यह ज़रूरी नहीं कि जहाँ धूप है वहाँ दरिया भी हो। ‘धूप और दरिया' में इन्हीं कुछ अनबूझ सचाइयों की एक ऐसी कहानी साकार हो आयी है जिसका क्षण-क्षण जीया गया है और जिसके तार-तार में किसी की अनुभूतियाँ बसी हुई हैं। यों लिखने को अनगिनत उपन्यास लिखे जाते हैं, पर सच्चा उपन्यास तभी लिखा जा पाता है जब कोई सर्द आग-सी अनदिख सचाई लेखक की चेतना को आ घेरे और उसे फिर कहीं चैन न हो। 'धूप और दरिया' ऐसी ही एक रचना है: छोटी, पर उस नग़्मे की लय-जैसी जो देर बाद तक भी हवा में काँपती रह जाये। हिन्दी के एक मर्मी आधुनिक कवि-उपन्यासकार-सम्पादक इसे देखकर कह उठे थे, ""पंजाबी साहित्य में जगजीत बराड़ का सृजन सही अर्थों में आधुनिक लगता है।"" आधुनिक यह है, पर उससे कुछ अधिक भी है। भारतीय ज्ञानपीठ की 'पुनर्नवा श्रृंखला' में एक और प्रस्तुति । "
ISBN
Dhoop Aur Daria
Publisher:
Bharatiya Jnanpith
More Information
Publication Bharatiya Jnanpith
जगजीत बराड़ (Jagjit Brar )

"जगजीत बराड़ - जन्म: 10 जनवरी, 1941 को मोगा तहसील पंजाब में। अमेरिका के औरंगन स्टेट यूनिवर्सिटी से रिसोर्स इकोनॉमिक्स में पीएच.डी. ; अमेरिका की ही साउथ ईस्टर्न लुइसियाना यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट के प्रोफ़ेसर एवं विभाग के अध्यक्ष रहे। बिज़नेस और इकोनॉमिक्स रिसर्च सेंटर के संचालक के पद से सेवानिवृत्त । प्रकाशन: पंजाबी में 'माधियम' और 'वापसी' दो कहानी-संग्रह, 'धुप्प दरिया दी दोस्ती' उपन्यास, 'डुबदे चढ़दे सूरज' कविता संग्रह तथा 'उदास खिड़कियाँ ते सूरज' पाँच पंजाबी कवियों की कविताओं का संकलन। गुजराती में 'धूप और दरिया' का 'दरदी' नाम से अनुवाद। सम्मान/पुरस्कार : अमेरिका में 'एक्सीलेंस इन रिसर्च सम्मान' (1988), पंजाब राज्य भाषा विभाग का 'शिरोमणि साहित्यकार पुरस्कार'। (अनुवादक) प्रो. फूलचन्द मानव कवि, कहानीकार, आलोचक, सम्पादक, अनुवादक। 28 साल से पंजाब के सरकारी कॉलेज बठिंडा और मोहाली में अध्यापन के बाद हिन्दी विभागाध्यक्ष पद से 2003 में सेवानिवृत्त। 'जागृति' (हिन्दी मासिक) के सम्पादक व जन सम्पर्क अधिकारी के तौर पर सेवाएँ। "

Write Your Own Review
You're reviewing:Dhoop Aur Daria
Your Rating
Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/