Din Banane Ke Kram Mein
In stock
Only %1 left
SKU
9789326352406
As low as
₹171.00
Regular Price
₹180.00
Save 5%
दिन बनने के क्रम में -
अरुणाभ सौरभ की कविताएँ समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार तथा राजनीतिक पाखण्ड से उपजे क्रोध तथा विक्षोभ को बयान करनेवाली कविताएँ हैं। इनकी कविताओं में भूमण्डलीकरण तथा उपभोक्तावादी अपसंस्कृति की चपेट में आये समाज की पीड़ा तथा सामान्य जन की कराह स्पष्ट झलकती है। कवि अपनी आंचलिकता की आँच में तपे शब्दों के माध्यम से हमें लोकल से ग्लोबल तक का सफ़र करा देता है। अरुणाभ सौरभ की कविताएँ वर्तमान परिस्थितियों की कटुता तथा विद्रूपता को ही सामने नहीं लातीं अपितु मानवीय जिजीविषा, संघर्षशीलता तथा आस्था का अलख जगाती हुई प्रतीत होती हैं।
अरुणाभ हमारे समय को आश्वस्त करते ऐसे कवि हैं जिन्हें पाठक अपना स्नेह देंगे।
ISBN
9789326352406