Door Ke Pahad

In stock
Only %1 left
SKU
9788126315802
Rating:
0%
As low as ₹237.50 Regular Price ₹250.00
Save 5%

दूर के पहाड़ - 
समकालीन ओड़िया कथा-साहित्य में जिन रचनाकारों ने अपने सृजन के ज़रिये नये क्षितिजों का निर्माण कर ओड़िया साहित्य की समृद्ध परम्परा को उल्लेखनीय विस्तार दिया है, उनमें पारमिता शतपथी का नाम प्रमुख है। पारमिता की कहानियाँ दूर से आती भीनी-भीनी महक-सी सुधी पाठकों के मन-मस्तिष्क में छा जाती हैं और उनकी चेतना में एक नया विश्वास जगाती हैं। इन कहानियों में अनुभूतियों की गहराई और चिन्तन के असाधारण दिगन्त की सहज अभिव्यक्ति देखी जा सकती है।
पारमिता ने इन कहानियों में अपने पात्रों के जीवन में उपस्थित सुख-दुख, राग-विराग, धूप-छाँव जैसी जीवन की तमाम स्थितियों-परिस्थितियों को स्वर दिया है, जिससे कहानियों में विशिष्ट क़िस्म की इन्द्रधनुषी आभा आ गयी है।
इन कहानियों में पारमिता का प्रगतिशील दृष्टिकोण जीवन के यथातथ्य वर्णन के साथ-साथ प्राय: हर जगह विद्यमान है, जो पाठकों को नये-नये विकल्पों की तलाश के प्रति संवेदनशील बनाता है। इनकी कथाशैली में छिपी है कहानी की गूढ़ता और ऊँचाई को अक्षुण्ण रखनेवाली काव्य-संवेदना।
आशा है, पारमिता शतपथी के हिन्दी में प्रकाशित इस प्रथम कहानी-संग्रह का प्रबुद्ध पाठकों द्वारा स्वागत होगा।

ISBN
9788126315802
sfasdfsdfadsdsf
Write Your Own Review
You're reviewing:Door Ke Pahad
Your Rating
Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/