Publisher:
Vani Prakashan

Geeton Ka Jadoogar : Shailendra

In stock
Only %1 left
SKU
Geeton Ka Jadoogar : Shailendra
Rating:
0%
As low as ₹284.05 Regular Price ₹299.00
Save 5%

शंकर शैलेन्द्र का सम्पूर्ण रचना-कर्म जनता के साथ उनके सक्रिय जुड़ाव से सम्बद्ध है। साहित्य को जिन रचनाकारों ने लोकप्रियता और उत्कृष्टता, वस्तु और अभिव्यक्ति के स्तर पर जमीन और जनता से जोड़ा शैलेन्द्र उनमें अग्रणी हैं। उनके हृदय में एक ओर प्रेम की पवित्र धारा प्रवाहित होती है तो दूसरी ओर मजदूर-जीवन की त्रासदी से उत्पन्न आक्रोश की आग भी धधकती है। अपने जीवन-संघर्षों को रचना-शक्ति बनाने वाले शैलेन्द्र के कविता-गीतों में अपने अधिकारों की माँग करनेवाली जनता पूरे विश्व को एकसूत्र में बाँध रखने की क्षमता रखती है। आजादी के तत्काल बाद ही वे जिस मोह-भंग से गुजरते हैं वह उनके कविता-गीतों में चुनौती के रूप में दृश्यमान होता है। जनता को मुट्ठी बाँधने और हाथ उठाने के लिए ललकारनेवाला गीतकार व्यंग्य को हथियार बनाकर आजाद भारत के गुलामगन्धी चरित्र का पर्दाफाश करता है। राजकपूर के आमन्त्रण पर फिल्म-जगत में प्रवेश करने के बाद शैलेन्द्र ने फिल्म विधा की माँग के अनुरूप ढलना स्वीकार कर लिया, लेकिन कुछ ही समय के बाद उसे अपनी माँग के अनुरूप ढालने में भी समर्थ न हो सके। ‘तीसरी कसम’ के अर्थपैशाचिक तन्त्र की बलिवेदी पर शहीद हो जानेवाले गीतों के जादूगर शैलेन्द्र के गीतों की पंक्ति-पंक्ति के नभ में लहराने और कई काव्य-पंक्तियों के नारों और मुहावरों में ढल जाने का कारण यही है कि वे जन-संघर्षों में शामिल होनेवाले जनता के गीतकार हैं।

ISBN
Geeton Ka Jadoogar : Shailendra
Publisher:
Vani Prakashan

More Information

More Information
Publication Vani Prakashan

Reviews

Write Your Own Review
You're reviewing:Geeton Ka Jadoogar : Shailendra
Your Rating
Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/