Golbal Samay Mein Gadya

In stock
Only %1 left
SKU
9789350726709
Rating:
0%
As low as ₹470.25 Regular Price ₹495.00
Save 5%

दो दशकों से ज्यादा समय से समकालीन हिन्दी लेखन की लगातार पड़ताल करते प्रियदर्शन अपनी सहज और सन्तुलित विचार-दृष्टि और विश्लेषण पद्धति के लिए जाने जाते हैं। उनकी यह किताब ‘ग्लोबल समय में गद्य’ हिन्दी की कई, और भारतीय अंग्रेजी की कुछ, महत्त्वपूर्ण कृतियों का एक समग्र आलोचनात्मक पाठ सुलभ कराती है। आलोचना की बात चलते ही आमतौर पर जिस शुष्क, शास्त्रीय और अकादमीय किस्म की नीरस विश्लेषण पद्धति के साथ लिखे गये गद्य का ख़याल आता है, यह किताब उससे कोसों दूर है। इसे पढ़ते हुए हिन्दी के समकालीन विमर्श को कहीं ज्यादा करीब से समझा जा सकता है और कई कृतियों का कहीं बेहतर आस्वाद लिया जा सकता है। कहने को ये आलोचनात्मक आलेख हैं, लेकिन अपनी भाषा और गढ़न में ये स्वतन्त्र ललित निबन्धों की तरह भी पढ़े जा सकते हैं और इनकी मार्फत हमारे समय में साहित्य और समाज के बदलते हुए मूल्यों को भी पहचाना जा सकता है। कोई भी साहित्य समीक्षा तभी सार्थक होती है जब वह अपने समाज की भी समीक्षा बन जाए। ‘ग्लोबल समय का गद्य’ अपने पाठकों के लिए सिर्फ साहित्य नहीं, समाज को भी समझने का आईना बनती है।

ISBN
9789350726709
sfasdfsdfadsdsf
Write Your Own Review
You're reviewing:Golbal Samay Mein Gadya
Your Rating
Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/