Jaise Koi Udaas Lout Jaye Darwaze Se

In stock
Only %1 left
SKU
9789387648487
Rating:
0%
As low as ₹280.25 Regular Price ₹295.00
Save 5%
अपने पहले कविता संग्रह ‘माँ का जवान चेहरा’ से ख्याति प्राप्त कर चुकीं चर्चित लेखिका ज्योति चावला का यह दूसरा कविता संग्रह है। ज्योति चावला की कविताओं में स्त्रियों की चिन्ता एक नये रूप में है। यहाँ स्त्रियों की अलग-अलग छवियाँ हैं। यहाँ स्त्री माँ है, बेटी है, जवान लड़की है, अधेड़ है। परन्तु कुल मिलाकर यहाँ हर रूप में स्त्रियाँ अपने पूरे वजूद में हैं जो अपने अन्दाज़ में स्त्री-विमर्श का एक नया पाठ है। इन कविताओं की सबसे बड़ी ख़ासियत है कि यहाँ स्त्रियाँ जिन कारणों से इतिहास में हाशिये में रहती आयी हैं, उन्हीं कारणों से वे यहाँ मज़बूत चरित्र के रूप में हैं। यहाँ बारिश में भीगती उन्मुक्त लड़कियाँ हैं तो कथक सीखती बेटी भी है। ‘तुम्हारा होना’ गर्भावस्था के आनन्द की कविता है। इन कविताओं में स्त्री, स्त्री होने की दयनीयता से निकलकर स्त्री होने के गर्व से भर जाती है। ये स्त्रियों की अस्मिता के गर्व की कविताएँ हैं। यहाँ स्त्रियों का दुख है, सुख है, संघर्ष है। उसे लेकर चिन्ता है, बेचैनी भी है लेकिन इस समय को देखने का एक नज़रिया भी है। और जब इसी समाज के नंगे सच को इन कविताओं में एक स्त्री के द्वारा देखा जाता है, तब वह एक नया आयाम निर्मित करता है। ‘उदासी’ कविता इसका एक सशक्त उदाहरण है। ज्योति की कविताओं को समझने के लिए उनके दोनों संग्रहों को एक अन्विति में रखकर देखना होगा क्योंकि ये कविताएँ एक प्रक्रिया की कविताएँ हैं। एक स्त्री की प्रक्रिया की कविताएँ कि कैसे उसके जीवन में बदलाव होता है और कैसे वह बदलाव उसकी चिन्तन प्रक्रिया में दिखायी देता है। इस प्रक्रिया को देखना-समझना अवान्तर से अपने समय और समाज को समझना है। चूँकि ये कविताएँ एक स्त्री की निगाह से देखी गयीं और बुनी गयी हैं इसलिए ये ज़्यादा विश्वसनीय भी हैं और एक समानान्तर इतिहास को मुकम्मल भी करती प्रतीत होती हैं। इस संग्रह में शामिल ‘बहरूपिया’ और ‘अँधेरे में और उसके बाद’ कविताएँ समाज के ऐसे यथार्थ को हमारे सामने रखती हैं जो मुक्तिबोध और नागार्जुन की परम्परा की याद दिलाती हैं। इन कविताओं में जहाँ हमारा समाज है वहीं देखने के अलग दृष्टिकोण के कारण अर्थ का एक नया वितान भी हमारे सामने खुलता है। हर अच्छा/अच्छी कवि अपने साथ नया विषय और नयी भाषा लेकर आता/आती है। इन कविताओं में नये विषय भी हैं और भाषा और रूप का नयापन भी है।
ISBN
9789387648487
sfasdfsdfadsdsf
Write Your Own Review
You're reviewing:Jaise Koi Udaas Lout Jaye Darwaze Se
Your Rating
Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/