Jallad
जल्लाद -
संजीव कुमार 'संजय' की कहानियों आम आदमी की कहानियाँ हैं। इन कहानियों में आम आदमी की घटनाओं, परिस्थितियाँ, मनोभावों, परिवेश इत्यादि की चित्रित करने का प्रयास किया गया है। निम्न वर्ग या निम्न मध्यम वर्ग में प्रायः आम आदमी पाया जाता है अतः यही कारण है कि इन कहानियों में इन्हीं वर्गों के दर्शन होंगे। लेखक ने प्रयत्न किया है कि पाठक जब कहानी पढ़े तो उन्हें ऐसा लगे कि जैसे यह उनकी अपनी या उनके आसपास के किसी व्यक्ति की कहानी है। आज के समाज की वर्तमान दशा किसी से छिपी नहीं है। विकास के साथ-साथ जीवन मूल्यों का तीव्रता से हास हो रहा है। संवेदनहीनता बढ़ती जा रही है। साहित्य का एक उद्देश्य इस अँधे विकास की ओर अग्रसर होते समाज पर लगाम कसना भी है।
साहित्य समाज का दर्पण होता है और साहित्य की सार्थकता इसी में है कि वह समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुँचे। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कहानियों में अत्यन्त सरल भाषा का प्रयोग किया गया है और जटिल भाषा, अनावश्यक विस्तार आदि से बचा गया है। संजीव कुमार 'संजय' का यह प्रथम कहानी संग्रह है इस कारण भाषा-शैली, व्याकरण सम्बन्धी अशुद्धियाँ अवश्याम्भावी है।