Jarfran Singh
In stock
Only %1 left
SKU
9789357750561
As low as
₹403.75
Regular Price
₹425.00
Save 5%
"कहानी-संग्रह जाफ़रान सिंह की कहानियों के केन्द्र में है-मानव-जीवन । मानव-जीवन की सांस्कृतिक, सामाजिक, वैयक्तिक एवं अन्य बहुतेरी स्थितियों-परिस्थितियों को घटनाओं, पात्रों एवं क़िस्सागोई के विविध स्वरूपों के माध्यम से आपके समक्ष रखा गया है। प्रायः कहानियाँ छोटी-छोटी ही हैं जिनमें कम-से-कम में अधिक-से-अधिक बयान करने की कोशिश की गयी है, जो आपके मन-हृदय पर दस्तक दे सके और मस्तिष्क को विचरण करने के नये सूत्र । कहानी-संग्रह की सफलता अब सुधी पाठकगण ही तय करेंगे।
܀܀܀
जाफ़रान सिंह को नौकरी बड़ी उम्र में मिली थी। दिल्ली, कलकत्ता भटकने के बाद उसके एक दूर के रिश्तेदार जो मेरे भाईसाहब के मित्र थे उन्होंने उसकी सिफ़ारिश की थी, तब भाईसाहब ने उसे रखा था। हालाँकि ये नौकरी उसकी पक्की थी, पर भाईसाहब के विभाग में पेंशन नहीं थी । जाफ़रान इस समय भी पचास के आस-पास का था। उसे अपनी उम्र और ज़िन्दगी दोनों की भरपूर चिन्ता रहती थी-एक की बढ़ने की और दूसरी के घटने की। वो अक्सर मुझसे कहता-शाब मेरा क्या होगा? मैं कितने दिन चलूँगा? ज़िम्मेदारियाँ पूरी कर भी पाऊँगा या नहीं? और मैं उसे समझाता, फ़िकर मत करो जाफ़रान सिंह, सब ठीक होगा ।
-पुस्तक का एक अंश"
ISBN
9789357750561