Lorca Ki Kavitayen
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9789350724408
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लोर्का की कविताएँ : बीसवीं सदी के महान स्पानी कवि फेदेरिको गार्सिया लोर्का (1898-1936) की लोक-संवेदना में रची-बसी कविताएँ प्रेम और सौन्दर्य का एक ऐसा लोक निर्मित करती हैं जो अशरीरी और शरीरी का भेद मिटा देता है। उनकी कविताएँ अपनी एक अनूठी पौराणिकी विकसित करती हुई आध्यात्मिक ऊँचाइयों तक जाती हैं। वे प्रेम और करुणा, लोक-संवेदना और इतिहास-चेतना का अप्रतिम रसायन अपनी कविता में घुला कर उसे अमर काव्य की ऊँचाइयों तक पहुँचा देते हैं। हिन्दी में लोर्का की कविताओं की यह प्रथम उल्लेखनीय प्रस्तुति है। इसमें उनकी लगभग सभी काव्यकृतियों की रंगतें आ गयी हैं। ये हिन्दी काव्यानुवाद सुपरिचित कवि-अनुवादक सुरेश सलिल ने किये हैं। साथ में लोर्का के जीवन और काव्य पर विस्तृत भूमिका भी है। हिन्दी काव्यप्रेमियों के लिए 'वाणी' का एक अमूल्य उपहार!
ISBN
9789350724408