Manonayan
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9789326350921
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"मनोनयन -
संसद के उच्च सदन राज्यसभा के संगठन में मनोनीत सदस्यों की संविधान द्वारा व्यवस्था किया जाना एक महत्त्वपूर्ण कार्य है। इसके माध्यम से जहाँ साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा के क्षेत्र में श्रेष्ठता प्राप्त लोगों के अनुभव से राज्यसभा को गरिमा प्राप्त हुई है, वहीं संसदीय प्रक्रिया के अन्तर्गत वाद-विवाद एवं विचार-विमर्श का स्तर ऊँचा हुआ है।
चूँकि इन सदस्यों के मनोनयन का आधार उनकी विशेष प्रतिभा, योग्यता और अपने विषय के औचित्य का होना रहा है इसलिए संसदीय प्रक्रिया में उनकी भागीदारी दलगत राजनीति से परे रही है। कहा जा सकता है कि संसद में उत्कृष्टता और दूरदर्शिता की यह अनोखी व्यवस्था है।
राज्यसभा के प्रथम नामित सदस्य डॉ. ज़ाकिर हुसैन से लेकर वर्तमान के सभी नामित सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्र की विशेषज्ञता के कारण देश की समसामयिक समस्याओं और आवश्यकताओं की ओर संसद का समय-समय पर ध्यान आकृष्ट किया है।
प्रस्तुत पुस्तक की लेखिका का इस विषय को अधिक पुष्ट और विश्लेषित करके पाठकों, चिन्तकों और शोधार्थियों को उसे उपलब्ध कराये जाने का अच्छा प्रयास है।
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ISBN
9789326350921