Path Ke Prakash Punj
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"दुनिया को उन्होंने ही गढ़ा है, जो धुन और संकल्प के धनी थे। जहाँ कोई गया नहीं, वहाँ से गुज़रते हुए अपने पदचिह्नों से राह बनायी। ऐसे ही लोगों ने संसार को अपने सृजन, कल्पना और मनोबल से पत्थर युग, कृषि युग, औद्योगिक युग, सूचना क्रान्ति से आगे बढ़ाते हुए प्रौद्योगिकी से हो रहे अविश्वसनीय बदलावों के द्वार तक आज पहुँचाया है। यह है, मानव ज़िद और संकल्प का चमत्कार! यह पुस्तक हर इन्सान ख़ासतौर से युवा पाठकों के लिए प्रेरक है, जो आसमान में असीमित छलाँग लगाने को आतुर हैं। सृजन का नया अध्याय लिखना चाहते हैं। हिन्दी पत्रकारिता के यशस्वी हस्ताक्षर हरिवंश ने इन प्रोफाइलों के माध्यम से उन जीवनियों के रोशनदानों को परत-दर-परत खोला है, जिनके सुनहरे योगदानों ने समय चक्र को अपने सृजन प्रयासों की किरणों से प्रकाशवन्त किया। गुजराती के प्रसिद्ध ग़ज़लकार हर्ष ब्रह्मभट्ट की लिखी पंक्तियाँ इन महान व्यक्तित्वों पर सटीक हैं- मेरे पैर के छालों से अगर कोई पूछे आकर, कहेंगे वो कि हमने तेरे दर के द्वार देखे हैं। "" याद रखें, हर वह व्यक्ति जो अपने जीवन में बहुत निष्ठा और आस्था से अपने सपनों का पीछा कर रहा है, वह अपने क्षेत्र का लीडर है। इस बारे में नेपोलियन की सुन्दर उक्ति है 'लीडर इज़ डीलर इन होप’ (नेता वह सौदागर है, जो आशा में जीता है)। यही आशा उसे शिखर देती है। असाधारण व्यक्ति, वरेण्य होता ही है। लेकिन, जो साधारण होकर भी कुछ ऐसा कर जाता है कि देश और समाज में अपने पदचिह्नों को छोड़ता है, ऐसे ही आइकांस-व्यक्तित्वों से यह पुस्तक रू-ब-रू कराती है।""
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ISBN
9789355185969