Patna : Khoya Hua Shahar

In stock
Only %1 left
SKU
9789388684903
Rating:
0%
As low as ₹565.25 Regular Price ₹595.00
Save 5%

​अपनी मृत्यु के कुछ महीने पहले बुद्ध ने पाटलिपुत्र की महानता की भविष्यवाणी की थी। कालान्तर में पाटलिपुत्र मगध, नन्द, मौर्य, शुंग, गुप्त और पाल साम्राज्यों की राजधानी बनी। पाटलिपुत्र के नाम से विख्यात प्राचीन पटना की स्थापना 490 ईसा पूर्व में मगध सम्राट अजातशत्रु ने की थी। गंगा किनारे बसा पटना दुनिया के उन सबसे पुराने शहरों में से एक है जिनका एक क्रमबद्ध इतिहास रहा है। मौर्य काल में पाटलिपुत्र सत्ता का केन्द्र बन गया था। चन्द्रगुप्त मौर्य का साम्राज्य बंगाल की खाड़ी से अफ़ग़ानिस्तान तक फैला हुआ था। मौर्यों के वक़्त से ही विदेशी पर्यटक पटना आते रहे। मध्यकाल में विदेशों से आने वाले पर्यटकों की संख्या में काफ़ी वृद्धि हुई। यह वह वक़्त था जब पटना की शोहरत देश की सरहदों को लाँघ विदेशों तक पहुँच गयी थी। यह मुग़ल काल का स्वर्णिम युग था। पटना उत्पादन और व्यापार के केन्द्र के रूप में देश में ही नहीं विदेशों में भी जाना जाने लगा। 17वीं सदी में पटना की शोहरत हिन्दुस्तान के ऐसे शहर के रूप में हो गयी थी, जिसके व्यापारिक सम्बन्ध यूरोप, एशिया और अफ्रीका जैसे महादेशों के साथ थे। ईस्ट इण्डिया कम्पनी और ब्रिटिश इण्डिया में पटना और उसके आसपास के इलाकों में शोरा, अफीम, पॉटरी, चावल, सूती और रेशमी कपड़े, दरी और कालीन का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता था। पटना के दीघा फार्म में तैयार उत्पादों की जबरदस्त माँग लन्दन के आभिजात्य लोगों के बीच थी। विदेशी पर्यटक और यात्री कौतूहल के साथ पटना आते। उनके संस्मरणों में तत्कालीन पटना सजीव हो उठता है। इस पुस्तक में उनके संस्मरण और कई अन्य रोचक जानकारियाँ मिलेंगी।

ISBN
9789388684903
sfasdfsdfadsdsf
Write Your Own Review
You're reviewing:Patna : Khoya Hua Shahar
Your Rating
Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/