Pauma-Chariu (Part-4)

In stock
Only %1 left
SKU
812630542
Rating:
0%
As low as ₹266.00 Regular Price ₹280.00
Save 5%

पउमचरिउ (पद्मचरित )

राम का एक नाम पद्म भी था। जैन कृतिकारों को यही नाम सर्वाधिक प्रिय लगा। इसलिए इसी नाम को आधार बनाकर प्राकृत, संस्कृत एवं अपभ्रंश में काव्यग्रन्थों की रचना की गयी। प्राकृत में विमलसूरि का पउमचरियं रामकथा की विशिष्ट कृति है। आचार्य रविषेण कृत पद्मचरित या पद्मपुराण संस्कृत में रामकथा का एक उत्कृष्ट ग्रन्थ है तथा स्वयंभू का प्रस्तुत ग्रन्थ पउमचरिउ अपभ्रंश का सबसे पहला प्रबन्ध काव्य माना गया है।

पउमचरिउ मानवमूल्यों की सक्रिय चेतना का एक ऐसा ललित काव्य है, जिसमें रामकथा परम्परागत वर्णन होने पर भी शैली-शिल्प, चित्रांकन, लालित्य और कथावस्तु की दृष्टि से अनेक विशेषताएँ हैं ।

सम्पूर्ण ग्रन्थ भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा पाँच भागों में प्रकाशित हैं। इसका प्रथम भाग विद्याधरकाण्ड से, द्वितीय भाग अयोध्याकाण्ड से, तृतीय भाग सुन्दरकाण्ड से, चतुर्थ और पंचम भाग युद्धकाण्ड एवं उत्तरकाण्ड से सम्बन्धित हैं। रामकथापरक साहित्य के अध्येताओं के लिए अत्यन्त उपयोगी एवं संग्रहणीय ।

ISBN
812630542
sfasdfsdfadsdsf
Write Your Own Review
You're reviewing:Pauma-Chariu (Part-4)
Your Rating
Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/