Poora Ghar Hai Kavita Hindi Kavita Ka Paridrishya
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9788181437006
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पूरा घर है कविता -
इस संग्रह में कवियों और उनकी कविता पर लिखे गये जो आलोचनात्मक और समीक्षात्मक लेख संकलित हैं, वे वस्तुपरता से बच कर एक साथी कारीगर का जायजा हैं। इन लेखकों में से कुछ लेख तो अग्रज कवियों पर हैं और कुछ मेरे अपने समकालीन साथियों पर, क्योंकि कारीगर की आँख सिर्फ़ वर्तमान ही नहीं, अतीत और किसी हद तक भविष्य भी देख सकती है और, जिसका जायज़ा लिया जा रहा है, वह भी अपने तईं एक कारीगर ही है।
ISBN
9788181437006