Publisher:
Bharatiya Jnanpith

Pratyancha

In stock
Only %1 left
SKU
Pratyancha
Rating:
0%
As low as ₹280.25 Regular Price ₹295.00
Save 5%

प्रत्यंचा - 
ज्ञान चतुर्वेदी व्यंग्य में इस कदर मुब्तला लेखक हैं कि व्यंग्य से उन्हें अलगाकर देख पाना सम्भव नहीं, मानो ज्ञान और व्यंग्य एक दूसरे के पर्याय बन गये हों, सिक्के के दो कभी न अलग होने वाले पहलुओं की तरह। 
लेखन का छोटा-बड़ा कोई भी प्रारूप उन्हें सीमित नहीं करता। वे हमारे समय के सर्वाधिक समर्थ व्यंग्यकार हैं। अपने व्यंग्यों में वे समय-समाज के निर्मम सत्यों का मात्र उद्घाटन ही नहीं करते बल्कि उन पर गहन वैचारिक टिप्पणी करते हैं। यह वैचारिक टिप्पणियाँ भी व्यंग्य की बहुआयामिकता से सम्पन्न होने के कारण पाठक को सहज रूप से प्रभावित करती हैं। 
कहना न होगा कि व्यंग्यदृष्टि और लोकदृष्टि के सम्यक बहाव में ज्ञान लोकप्रियता और साहित्यिकता की खाई को भरसक पाटने का भी कार्य करते हैं। हम आज उस समाज के नागरिक हैं जहाँ नंगापन एक जीवनशैली के रूप में स्वीकृत हो गया है। विसंगतियों से भरपूर इस उत्तर आधुनिक समय में ज्ञान चतुर्वेदी के व्यंग्य लेखन को एक ज़रूरी हस्तक्षेप की तरह देखा और पढ़ा जाना चाहिए। —राहुल देव (युवा आलोचक)

ISBN
Pratyancha
Publisher:
Bharatiya Jnanpith
More Information
Publication Bharatiya Jnanpith
sfasdfsdfadsdsf
Write Your Own Review
You're reviewing:Pratyancha
Your Rating
Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/