Rajneeti Vigyan Ke Mool Aadhar
राजनीति विज्ञान के मूल आधार -
प्रस्तुत पुस्तक राजनीति विज्ञान के मूल आधार में 5 खण्डों में 26 अध्याय संकलित हैं। इन खण्डों में राजनीति विज्ञान के सैद्धान्तिक ज्ञान से सम्बन्धित अलग-अलग पहलुओं को स्थान दिया गया है। मुख्य रूप से सिद्धान्त, अवधारणा, संस्थात्मक आधार, प्रक्रियाएँ और समसामयिक सैद्धान्तिक बहस को इस पुस्तक में सम्मिलित किया गया है। 12 से अधिक वरिष्ठ राजनीतिक विद्वानों ने अपने आलेखों द्वारा इस सम्पादित पुस्तक में अपना योगदान दिया है। प्रमुख राजनीतिक अवधारणाओं, राष्ट्र, राज्य, नागरिकता, सरकार और उसके रूप, राजनीतिक आधुनिकीकरण, विकास तथा संस्कृति, लोकतन्त्र और अधिनायकतन्त्र, राजनीतिक दल और चुनाव व्यवस्था एवं 21वीं शताब्दी में प्रतिपादित राजनीतिक बहस को इस पुस्तक में समाहित किया गया है।
प्रथम खण्ड सिद्धान्तों से जुड़ा है जिसमें राजनीति, राष्ट्र और राज्य तथा नागरिकता के अहम मुद्दों का उल्लेख है। दूसरे खण्ड में राजनीतिक सम्प्रभुता, विकास, संस्कृति और आधुनिकीकरण की अवधारणाओं को विस्तार से समझाया गया है। तीसरे खण्ड में जहाँ एक ओर लोकतन्त्र तथा अधिनायकतन्त्र के परस्पर विपरीत विचारों का वर्णन है वहीं दूसरी ओर सरकार के संगठनात्मक स्वरूपों जैसे संघात्मक सरकार, संसदात्मक और अध्यक्षात्मक व्यवस्थाएँ तथा सरकार के तीनों अंगों का भी ब्यौरा दिया गया है। चौथे खण्ड में चुनाव, राजनीतिक दलों और निर्वाचन प्रणालियों का वर्णन है। पाँचवें और अन्तिम खण्ड में शीतयुद्धोत्तर विश्व में जो सैद्धान्तिक बहस हुई हैं उनका सारगर्भित विश्लेषण किया गया है। पुस्तक की ख़ासियत यह है कि जहाँ यह उस पाठक की जिज्ञासाओं का उत्तर देगी जो राजनीति विज्ञान का औपचारिक विद्यार्थी नहीं है, वहीं साथ ही-साथ यह उन पाठकों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी जो इस विषय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में विशेष दक्षता हासिल करना चाहते हैं। एक प्रारम्भिका के रूप में यह पुस्तक अवश्य ही सभी पाठकों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी ऐसा सम्पादक मण्डल का दृढ़ विश्वास है।