Ravindranath Tagore
रवीन्द्रनाथ टैगोर -
गुरुदेव के नाम से मशहूर रवीन्द्रनाथ टैगोर भारत के सुविख्यात कवि, कथाकार और चित्रकार तो थे ही, वे विश्व-मनीषा के अग्रगण्य प्रतिनिधि भी थे। कवि लेखक-व्यंग्यकार विष्णु नागर ने उनकी यह जीवन कथा लिखी है, जो बच्चों तथा युवाओं के लिए अत्यन्त हृदय ग्राही है।
रवीन्द्रनाथ टैगोर के बचपन से लेकर उनकी अन्तिम जीवन-यात्रा को जानना-समझना आसान तो लगता है, परन्तु उसे व्यक्त करना कठिन कार्य जान पड़ता है, मगर लेखक ने बड़ी समझ-बूझ के साथ रवीन्द्रनाथ टैगोर के बचपन के दिनों का सूक्ष्म चित्रण किया है। राजसी ठाठ-बाट में टैगोर ने किस तरह अपने घर के समूचे वातावरण को आत्मसात किया और अपने जीवन की नींव रखी, लेखक की क़लम से निकली इस कथा का जानना वाकई में बहुत दिलचस्प है।
टैगोर ने शान्ति निकेतन की स्थापना की और वहाँ पर शिक्षा के ऐसे इन्तज़ाम किये जो प्रकृति और मनुष्य के बीच के रिश्तों को रचनात्मक दिशा देने में सक्षम दिखाई देते हैं। लेखक ने उन दृष्टान्तों का बख़ूबी ज़िक्र किया है, जो मनुष्य को मनुष्य बनाने में सहायक सकते हैं।
यह किताब युवा पीढ़ी और बच्चों के लिए बड़ी उपयोगी सिद्ध होगी, ऐसा हमारा विश्वास है।