Saat Geet Varsh
सात गीत-वर्ष -
धर्मवीर भारती की सृजन श्रृंखला में 'सात गीत वर्ष' का विशिष्ट स्थान है। जिन महत्त्वपूर्ण कविताओं के कारण भारती ने नयी काव्यधारा में अपना सुनिश्चित प्रतिष्ठित स्थान बनाया उनमें से अधिकतर कविताएँ इसी संकलन में संगृहीत हैं। इस संकलन की कविताओं का रचनाकाल 1951 से 58 तक है। यही वह समय है जब हिन्दी काव्यधारा एक विलक्षण ऐतिहासिक मोड़ ले रही थी। उस समय कविता में व्यक्तिवादी या सामाजिक आग्रह की भूमिकाओं को बड़े भ्रमात्मक ढंग से उठाया जा रहा था। उसी दौरान प्रकाशित 'सात गीत वर्ष' की इन कविताओं में नयेपन के साथ एक ताज़गी भी थी। इनमें एक ताज़ा गहरा युग बोध, इतिहास की सामूहिकता और कर्तव्य की निजी पीड़ा के बीच के तनाव छटपटाहट तो थी ही, एक समाधान खोजने की आस्था भी थी। भारतीय ज्ञानपीठ भारती साहित्य के विशाल पाठक वर्ग के लिए यह नया संस्करण सगर्व प्रस्तुत करता है।
Publication | Bharatiya Jnanpith |
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