Sanskar
In stock
Only %1 left
SKU
9789350726181
As low as
₹190.00
Regular Price
₹200.00
Save 5%
इस औपन्ययासिक कृति की कथा है नारी के उत्तरोत्तर विकास की - नारी मुक्ति का स्वप्न देखती, अपनी सास के चक्रव्यूह में फँसी नारी की सब कुछ भाग्य पर छोड़कर, जीवन को घसीटती नारी की, जिसकी मज्जा में संस्कार कानखजूरे की तरह जड़ जमाकर बैठ जाते हैं; ऐसी सशक्त कर्ममयी नारी की जो अपने व्यक्तित्व का स्वतन्त्र निर्माण करे और अपने को वह दिखाने की चेष्टा न करे जो वह नहीं है, जो किसी भी स्थिति में किसी शर्त पर समझौता न करे ।
नारी मुक्ति का स्वप्न साकार हो, जीवन के संघर्षों के तूफानों से जूझने की शक्ति का संचार हो, ऐसी अदम्य इच्छा-शक्तिवाली नारी का सृजन हो जो मुक्ति की चाह में पुरुष बनने की कामना से अपने को बचा सके- यही इस औपन्यासिक कृति का सन्देश है।
ISBN
9789350726181