Satyarth-Prabodh

In stock
Only %1 left
SKU
9789390659425
Rating:
0%
As low as ₹332.50 Regular Price ₹350.00
Save 5%

सत्यार्थ-प्रबोध - 
दिगम्बरों के मुकुटमणि, आध्यात्मिक गुरु निर्ग्रन्थ नाथ श्री विशुद्धसागर जी के चिन्तन-मन्थन चैतन्य के तत्त्वज्ञान से प्रसूत, नैतिक शिक्षा स्वरूप मौलिक कृति है— "सत्यार्थ प्रबोध"।

यह आनन्दित जीवन की प्रेरक नीतिपरक 31 निबन्धों से समन्वित अत्यन्त जनोपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण है। जो पाश्चात्य संस्कृति से अशान्त पथ-भ्रमित मानवों को स्वात्म-संस्कृति के प्रति चेतना प्रदान कर, सुप्त मानवीय आदर्शों को जाग्रत कर नैतिकतापूर्ण जीवन निर्माण के लिए पठनीय एवं अनुकरणी है।
सत्यार्थ प्रबोध हिन्दी हितैषियों के लिए अत्यन्त सरल, सुबोध है। इसमें न्याय है, पर न्याय की शाब्दिक जटिलता नहीं। शब्द-शब्द, वाक्य-वाक्य में मतार्थ है, पर धर्म-सम्प्रदाय, पन्थवाद का पक्षपात नहीं। मानवीयता की नैतिक शिक्षा है, पर हटवाद नहीं। सत्थार्य का उद्योतन है, पर कर्तावाद नहीं। वाक्य-वाक्य में नीतियाँ गुंथित हैं, सर्वोन्नति के सूत्र हैं, पर कर्तृत्व की गन्ध नहीं। भाषा मधुर है, विषय जन-जन के लिए जीवनोपयोगी है।
सत्यार्थ प्रबोध यह मात्र मानव-विकास ही नहीं, अपितु समाज, राष्ट्र व विश्व विकास के सुखद सूत्रों से ओत-प्रोत है।

ISBN
9789390659425
sfasdfsdfadsdsf
Write Your Own Review
You're reviewing:Satyarth-Prabodh
Your Rating
Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/