Shesh Avashesh
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9789326350099
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"शेष-अवशेष -
रवीन्द्रनाथ त्यागी की गणना उन व्यंग्य लेखकों में होती है, जिन्होंने अपनी व्यंजनाओं से हिन्दी गद्य को एक नया आयाम प्रदान किया। उनके पास एक समृद्ध जीवनानुभव था, जिन्हें वे अपनी प्रत्युत्पन्नमति से बुद्धिरंजक बनाते थे। वस्तुतः व्यंग्य-लेखन के लिए सूक्ष्म निरीक्षण क्षमता, विश्लेषणात्मक कल्पना और प्रचुर सामान्य ज्ञान के साथ सार्थक शब्द-क्रीड़ा के कौशल की आवश्यकता होती है। कहना न होगा कि रवीन्द्रनाथ त्यागी में इन सबका एक सुन्दर समन्वय प्राप्त होता है। हरिशंकर परसाई, श्रीलाल शुक्ल, शरद जोशी के क्रम में रवीन्द्रनाथ त्यागी का व्यंग्य-लेखन रेखांकित करने योग्य है। 'शेष-अवशेष' में रवीन्द्रनाथ त्यागी के व्यंग्य और उनकी कुछ विविध रचनाएँ सम्मिलित हैं।
व्यंग्य रचनाओं में विषय वैविध्य और शिल्प की चुटीली युक्तियाँ हैं। 'जूते से लेकर पिस्तौल तक' से लेकर 'गाँधीवाद के विकास में रूपवती स्त्रियों का योगदान' आदि जिन विषयों पर उन्होंने लिखा है, वे केवल ठिठोली का कारण नहीं हैं। प्रत्येक व्यंग्य किसी न किसी विसंगति के उद्घाटन में अपनी सार्थक परिणति पाता है। विविध रचनाओं में व्यक्तिचित्र, संस्मरण और यात्रावृत्त शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि व्यंग्य की समावेशी उपस्थिति यहाँ भी पाठक को गुदगुदाती रहती है।
'शेष अवशेष' एक अर्थ में रवीन्द्रनाथ त्यागी के सुदीर्घ लेखकीय जीवन का सुफल है। उनकी अन्तिम कृति होने के नाते यह विशेष रूप से संग्रहणीय है।
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ISBN
9789326350099