Stree Shatak (Part-2)
स्त्री शतक-2
विवाह की वेदी तक पहुँचने से पहले
और उसके बाद भी उन्हें कभी
बताया ही नहीं गया उसके बारे में
उन्हें तो बस उस सावित्री के बारे में
बताया गया जो यमराज से
वापस ले आयी सत्यवान के प्राण
क्यों छुपाई गयी स्त्रियों से हमेशा
सूर्या सावित्री की पहचान
क्यों नहीं बताया गया उन्हें
तब से उसकी लिखी ऋचाएँ अब तक
विवाह मण्डप में गायी जातीं लगातार
जिसने तब पिता द्वारा चयनित
सोम को अपनाने से कर दिया इनकार
और अपने सहपाठी पूषा को चुना
साथ बिताने के लिए अपना जीवन
क्या बस इसीलिए विवाह की वेदी के आगे
वचन हारतीं स्त्रियों को नहीं बताया गया
उसके बारे में कि कहीं उनमें से कोई
या कई पिता द्वारा चयनित वर से
न कर दें विवाह करने से इनकार
और कहें नहीं पिता पसन्द भी मेरी होगी
और सूर्या सावित्री की तरह शर्तें भी मेरी। —इसी संग्रह से