Swaroop Vimarsha

In stock
Only %1 left
SKU
8126305851
Rating:
0%
As low as ₹190.00 Regular Price ₹200.00
Save 5%

स्वरूप-विमर्श - 
कृतिकार के ही शब्दों में—"स्वरूप-विमर्श मेरे इधर दो-तीन वर्षों के लिखित या वाचिक वैचारिक निबन्धों का संकलन है। मेरा क्या किसी भी चिन्तनशील प्राणी का जीवन अपने को पहचानने में ही इधर-उधर भटकता रहता है। पूरी पहचान तो शायद किसी को नहीं मिलती। मुझे कम-से-कम नहीं ही मिली। सारा दर्शन स्वरूप-विमर्श ही तो है। मैं कौन हूँ, सृष्टि क्या है, इसके साथ मेरा क्या सम्बन्ध है आदि जो सन्दर्भ हैं उन्हें हम इस रूप में सोचते हैं कि हम क्या हैं, हमारा देश क्या है, हम उसके कैसे हो सकते हैं, कौन-से अभिलक्षण हैं जो हमारे देश और हमारे बीच एकात्मता को परिभाषित कर सकते हैं। कई दृष्टियों से इन प्रश्नों पर मैंने विचार किया है, वही इस पुस्तक के द्वारा सामने रखना चाहता हूँ। मैं अपने पाठकों से इन समाधानों की कोशिश को बाँटना चाहता हूँ।"
भारतीय ज्ञानपीठ को हर्ष है कि उसे डॉ. विद्यानिवास मिश्र के इस निबन्ध-संग्रह को प्रकाशित करने का अवसर मिला है। इन विषयों पर पाठकों के अपने भी। विचार होंगे और कई दृष्टिकोणों से समाधान भी। लेखक और पाठक के बीच भाषा के माध्यम से इस तरह का समन्वय ही तो सत्य के अन्वेषण में सहायक होता है।

ISBN
8126305851
sfasdfsdfadsdsf
Write Your Own Review
You're reviewing:Swaroop Vimarsha
Your Rating
Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/