Talahatee
तलहटी - अपने समय और परिवेश का प्रभाव हर समर्थ कथाकार की रचना पर होता है। कहानी की प्रासंगिकता के लिए शायद यह जरूरी भी है। दरअसल कहानी में अनुभव और अभिव्यक्ति की परिधि जितनी बड़ी और खरी होती है, वह समाज को एक संवेदनात्मक समृद्धि से निरन्तर अभिभूत करती है। प्रतिष्ठित कथाकार शशिप्रभा शास्त्री की कहानियाँ इस दृष्टि से निस्सन्देह आश्वस्त करती हैं-विशेष रूप से इस संग्रह की कहानियाँ।
तलहटी में शशिप्रभा जी की नौ लम्बी कहानियाँ संगृहीत हैं। ये कहानियाँ व्यक्ति के अन्तर्द्वन्द और उसकी सपाट वीरानगी के साथ ही जीवन की विभीषिकाओं को विविध रूपों में उजागर करते हुए, उन सामाजिक सरोकारों और मूल्यों को भी सामने रखती हैं जो मनुष्य को बचाये और बनाये रखने के लिए बेहद जरूरी हैं। समकालीन हिन्दी कहानी के परिदृश्य में शशिप्रभा जी की ये कहानियाँ अपनी सुगठित रचावट-बुनावट और कलात्मक सृजनात्मकता के कारण भी विशिष्ट और महत्त्वपूर्ण हैं।
Publication | Bharatiya Jnanpith |
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