Uchchatar Hindi Angrezee Kosh
उच्चतर हिन्दी-अंग्रेज़ी कोश -
हिन्दी में कई तरह के बड़े, मँझोले ओर छोटे शब्दकोश मिलते हैं। इनमें कुछ कोश तीन लाख की शब्द-संख्या होने का दावा करते हैं। कुछ में दो लाख शब्द होंगे और कुछ में पचास-साठ हज़ार शब्द होंगे। ये शब्द किस कोटि के होते हैं इसका विश्लेषण करने से जान पड़ता है कि उपयोगिता और स्तरीयता की दृष्टि से इनका लाभ बहुत कम लोगों को हो पाता है। इनमें ब्रजभाषा, अवधी, भोजपुरी आदि भाषाओं के शब्द हज़ारों की संख्या में संग्रहीत हैं। संस्कृत के ऐसे सैकड़ों शब्द इन कोशों में मिल जाते हैं, जिनका व्यवहार संस्कृत में भी नहीं होता। इसी प्रकार अरबी-फ़ारसी के भी ऐसे शब्द भर दिये गये हैं, जिनका हिन्दी में कभी प्रयोग न तो हुआ था, न अब होता है। बात यह है कि हमारे बड़े से बड़े कोश बोलियों और संस्कृत, अरबी-फ़ारसी आदि भाषाओं के कोशों से तैयार कर लिये गये हैं।
यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि स्कूलों और कॉलेजों की पढ़ाई में जिस भाषा का प्रयोग होता है, अथवा समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं में जिस हिन्दी का व्यवहार होता है, अथवा जो हिन्दी हमें रेडियो पर सुनने को मिलती है, उसका वास्ता उपर्युक्त कोशों में संग्रहीत हज़ारों-हज़ारों शब्दों से कतई नहीं है। अंग्रेज़ी, जर्मन, फ्रेंच, रूसी, यहाँ तक कि उर्दू के शब्दकोशों में भी प्रचलित और सामयिक शब्दावली ही होती है।
Publication | Vani Prakashan |
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