Uttar Pradesh Ke Prachintam Nagar
उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत न केवल इस प्रदेश के लिए वरन् सारे राष्ट्र के लिए गौरव प्रदान करनेवाली है। यह उत्तर प्रदेश के प्राचीन नगरों के सांस्कृतिक अध्ययन से स्पष्ट होकर सामने आता है। प्रस्तुत ग्रन्थ में उत्तर प्रदेश के छ: प्राचीनतम नगरों (वाराणसी, कौशाम्बी, श्रावस्ती, मथुरा, कुशीनगर एवं अयोध्या) को अध्ययन का विषय बनाया गया है। विषय को परिपूर्णता प्रदान करने के लिए साहित्यिक (वैदिक साहित्य, महाकाव्यों एवं पुराणों, संस्कृत एवं पालि साहित्य तथा चीनी यात्रियों के इतिवृत्तों) तथा पुरातात्त्विक साक्ष्यों की सहायता से इन नगरों की प्राचीन स्थिति एवं उनके विकास क्रम के विभिन्न चरणों का समीक्षात्मक अध्ययन किया गया है। अध्याय-9 में लेखक द्वारा हाल में उत्खनित पुरास्थल 'अगियाबीर' नामक नगर से प्राप्त सामग्री का संक्षिप्त अध्ययन प्रस्तुत है। गंगा नदी के बायें तट पर स्थित यह नगर वाराणसी और कौशाम्बी के मध्य एक प्रमुख व्यापारिक स्थल था।
नगरों की उत्पत्ति के सिद्धान्तों एवं कारकों का उल्लेख अन्तिम अध्याय में प्रस्तुत है। इस अध्याय में विश्व के अन्य देशों में विकसित प्राचीनतम नगरों के लिए उत्तरदायी कारकों का भारतीय परिप्रेक्ष्य में आकलन है । यथासन्दर्भ पुरातात्त्विक उत्खनन से प्राप्त चित्रों एवं रेखाचित्रों से विभिन्न नगरों की प्राचीन स्थिति एवं उनके विकास क्रम को देखने का प्रयास किया गया है। 'उत्तर प्रदेश के प्राचीनतम नगर' हिन्दी में लिखी अपने ढंग की मौलिक पुस्तक है, जो निश्चय ही प्राचीन भारतीय इतिहास एवं भूगोल के विद्वानों, शोधछात्रों एवं सामान्य जिज्ञासु पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।