Walt Whitman : Ghass Ki Pattiyan : Sanchayan

In stock
Only %1 left
SKU
9789350004944
Rating:
0%
As low as ₹332.50 Regular Price ₹350.00
Save 5%

दुनिया भर में वाल्ट हिटमन का नाम जनतंत्र और मुक्त छंद के जन्मदाता कवि के रूप में प्रसिद्ध है। उसकी कविता ने अपनी परवर्ती विश्व कविता पर गहरा असर डाला और अनेक कवियों ने अपने ऊपर पड़े उसके प्रभाव को स्वीकार किया है।
1819 में एक अत्यंत गरीब बढ़ई परिवार में जन्मे वाल्ट ह्रिटमन को किसी औपचारिक शिक्षा का अवसर नहीं प्राप्त हुआ। उसने अपनी आँखों के सामने अमेरिका में रची जा रही एक नयी दुनिया और उसकी महान सम्भावनाओं को देखा।
अमेरिका मुख्यतः कृषि प्रधान व्यवस्था से औद्योगिक व्यवस्था में संक्रमण कर रहा था। वैज्ञानिक अन्वेषणों और अमेरिका की प्राकृतिक सम्पदा ने आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक विकास को अभूतपूर्व गति दी थी। यूरोप, एशिया और अफ्रीका के महाद्वीपों के रहने वाले अमेरिका में आकर नये जीवन की शुरुआत कर रहे थे। अमेरिका का उसमें नये-नये राज्यों के जुड़ने से विस्तार होता जा रहा था। अनेक नस्लों और भाषाओं के बोलने वाले लोग एक नयी सभ्यता का निर्माण कर रहे थे।
वाल्ट हिटमन ने 1855 में प्रकाशित 'घास की पत्तियाँ' के पहले और एक अत्यन्त छोटे संग्रह की भूमिका में कहा था कि “अमेरिका एक राष्ट्र ही नहीं, बल्कि राष्ट्रों के हुजूम से बना एक राष्ट्र है और वह अपने विराट और उदात्त निरूपण की के प्रतीक्षा कर रहा है।” अमेरिकी जनता की अद्भुत रचनाशक्ति से उत्साहित होकर उसने उसी भूमिका में कहा था-""पृथ्वी पर किसी भी समय के सारे राष्ट्रों की तुलना में अमेरिका वाले सम्भवतः सबसे ज्यादा काव्यमय प्रकृति के हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका स्वतः अपने मूलरूप में महानतम कविता है।
पृथ्वी के अभी तक के इतिहास में जो कुछ भी सबसे विशाल और उत्तेजक रहा है वह संयुक्त राज्य अमेरिका की विपुलतर विशालता और उत्तेजना में निस्तेज और क्रमबद्ध लगता है। उसने अमेरिका के नये समाज के साथ एक नये तरह के जन का उदय होते हुए देखा जिसमें केन्द्रीय गुण आत्मा की 'विशालता और उदात्तता' था।” अमेरिका को एक ऐसे कवि की प्रतीक्षा थी जो उसके विराट और उदात्त स्वरूप का निरूपण कर सके।"
-भूमिका से

ISBN
9789350004944
sfasdfsdfadsdsf
Write Your Own Review
You're reviewing:Walt Whitman : Ghass Ki Pattiyan : Sanchayan
Your Rating
Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/