Yaadon Ka Indradhanush

In stock
Only %1 left
SKU
9789350008614
Rating:
0%
As low as ₹190.00 Regular Price ₹200.00
Save 5%

रेखा मैत्र की कविताओं में अनुभवगत प्रेषणीयता और अभिव्यक्तिगत प्रेषणीयता का एक समस्तर प्राप्त होता है। यह अनुभवों का वह विस्तृत क्षेत्र है, जहाँ केवल मारामार नहीं है। यहाँ मानव प्रेम जीवित है, प्रकृति के प्रति सौन्दर्य दृष्टि जीवित है। आज का कवि प्रेम के व्यापक धरातल का पक्षधर है। परन्तु इसे हम रोमान की वापसी नहीं कहेंगे। कथ्य और रूप की प्रेषणीयता ने पुरानी हिन्दी में भी जान डाली है। कवयित्री ने अपने चारों तरफ यादों का इन्द्रधनुष बना है। 'सिन्दूरी सुबह आस्ट्रिया की...' में यह पूरी शान से मौजूद है । कविता की एक बानगी देखिए- सुबह की सन्दली हवा के झोंके / क्या खूब चले आते हैं / एकदम तुम्हारी ही तरह / पहले चेहरे को दुलारते हैं / फिर घिरते हैं आसपास.. . । कवयित्री ने प्रकृति के साथ-साथ प्रवास की कविताएँ भी लिखी हैं ऐसी कविताएँ इस संग्रह में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती हैं। 'स्विट्जरलैंड की एक शाम' कविता में प्रकृति और प्रवास का नज़ारा अद्भुत है- पहाड़ों की गोद में / नन्ही बच्ची-सा / दुबक गया है मन! / ...आज इन पहाड़ों ने / फिर वही उपहार दिया है / इन नजारों की सूरत में! एक तरह से यह भी कहा जा सकता है कि रेखा मैत्र की कविताएँ प्रेम, प्रकृति, प्रवास, जिन्दगी को भरपूर नजरिये से देखती कविताएँ हैं। रेखा मैत्र का यह संकलन विविधताओं से भरा अनूठा एवं रोचक संग्रह है। इनकी कविताओं में आधुनिक कविता का प्रगतिशील रूप आर-पार झलकता है।

ISBN
9789350008614
sfasdfsdfadsdsf
Write Your Own Review
You're reviewing:Yaadon Ka Indradhanush
Your Rating
Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/