Ye Aadmi Ye Choohe
ये आदमी ये चूहे दो खानाबदोश भूमिहीन मज़दूरों के बारे में है जो रोज़गार की तलाश में जगह-जगह भटकते रहते हैं। एक ऐसे दौर में जब हर आदमी आपाधापी में पड़ा है और ज़िन्दगी की चूहा -दौड़ में हर मुमकिन उपाय से औरों को कुचलकर आगे बढ़ जाने के लिए परेशान है, ये दोनों मेहनतकश इन्सान, जग्गू और लोरी, एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ते । उनमें से बुद्धिमान और चतुर जग्गू, मजबूत और बड़े डील-डौलवाले, पर मानसिक रूप से अविकसित और असहाय, लोरी की हर संकट और मुसीबत में जिस आत्मीयता और वफ़ादारी से रक्षा करता है, वह जितनी विरल है उतनी ही गहरी मानवीयता से भरपूर भी है। वास्तव में, इन दो बेबस मज़दूरों के बहाने नाटक में इंसान के चिरंतन स्वप्नों और आकांक्षाओं की, आशा और निराशा की, बेहद झकझोर देनेवाली कथा है, जिसमें मानवीय भावना और करुणा बेरहम ज़िन्दगी के अंधकार में धूप की किरण की तरह झलमलाती रहती है।
नाटक के कार्य-व्यापार में, एक ओर इंसान और पशु के बीच लगाव, तथा इंसानियत और पशुता की धुँधली सीमा-रेखा को दिखानेवाले प्रसंग हैं। दूसरी ओर, लोरी के हाथों एक अनचाही हत्या के कारण उसके खून के प्यासे लोगों की क्रूर प्रतिहिंसा से उसे बचाने के लिए, स्वयं जग्गू द्वारा उसे गोली मारने के लिए बाध्य होने के प्रसंग में ऐसी विडम्बना का संयोजन है जो दर्शक को भीतर तक हिला देती है।