Farishata

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9789387919594
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फ़रिश्ता -
यह उपन्यास शब्दों का जाल मात्र नहीं है, वरन् इसमें बेहद कसी हुई कहानी के साथ उच्च कोटि का व्यावहारिक दर्शन एवं विचार भी हैं। युवा शक्ति के धुर राष्ट्रवादी विचारों ने जहाँ अन्धविश्वासों एवं पुरातनपन्थी सोच पर चोट की है, वहीं प्यार, शादी एवं दोस्ती की नयी राहें खोलने के प्रयास भी किये हैं। इसमें लौकिक-पारलौकिक जीवन पर विचार-विमर्श के साथ प्रकृति को भी केन्द्र में लाने का प्रयास किया गया है। विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक समस्याओं को काफ़ी तटस्थ होकर परखा एवं पिरोया गया है।
मनुष्य के सम्मुख आसन्न विश्वव्यापी संकट पर भी गम्भीरतापूर्वक चिन्तन किया गया है। भारतीय लेखन की परम्परा से थोड़ा हटते हुए इसमें आन्दोलन एवं क्रान्ति का भी अत्यन्त रोचक तरीके से चित्रण किया गया है।
पाठक इस पूरे उपन्यास में एक नवीन ऊर्जा एवं परिवर्तन का अहसास शिद्दत से करेगा। सर्वथा स्वागत योग्य कृति । 

 

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9789387919594
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