Haadasa
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"हादसा -
चम्बल की जटिल दस्यु समस्या पर आधारित 'मुखबिर' उपन्यास के अलावा राजनारायण बोहरे का यह तीसरा कथा संग्रह है।
राजनारायण जिस व्यंजना के साथ कहानी कहते हैं, वह अपने अर्थ के साथ सामाजिक सरोकारों के सारे आशयों को उद्घाटित करती है। इस संग्रह में उनको 12 कहानियाँ संगृहीत हैं। 'हादसा' मोटर ट्रेन एक्सीडेंट, बम विस्फ़ोट या प्रेम में शह और मात की कहानी नहीं, एक आम आदमी का हमारे समूचे तन्त्र से विश्वास उठ जाना, भारतीय लोकतन्त्र का सबसे बड़ा हादसा है। संग्रह की एक अन्य कहानी 'मुहिम' उनकी ही 'भय' नाम कहानी के बाद सबसे सशक्त कहानी है। चम्बल की दस्यु समस्या पर सामाजिक परिप्रेक्ष्य में जातियों और उपजातियों के ऐसे उपेक्षित और अगम्य क्षेत्र की कथा है 'मुहिम'। जिसमें वर्ण-वैषम्य का विष स्त्री की अन्तहीन दुर्दशा और अन्ततोगत्वा हत्या में परिणत हो जाता है। इसी प्रकार ख़ालिस क़िस्सागोई के शिल्प में ढली कहानी 'चम्पा महाराज, चेलम्मा और प्रेमकथा' कालका भैया यानी पंडितजी और दक्षिण भारतीय नर्स के सम्बन्ध को धर्म-विवाह की स्वीकृति प्रदान कर देने की चम्पा महाराज की व्यावसायिक चाल की कहानी है।
'बाज़ार वेब' में नितान्त घरेलू महिला का एजेंट, सेल्सगर्ल हो जाना आज का यथार्थ है। 'निगरानी' चुनाव आयोग द्वारा चुनाव सुधार के नये फार्मूले हेतु भेजे गये पर्यवेक्षक की कहानी है जो शराबनोशी और रंगरेलियाँ मनाने में बदल जाती है। 'बदलाहट' एक राजनीतिक रैली की कहानी है जो प्रतिकूल विचार-धाराओं के कारण वर्ण संघर्ष में बदल कर अपना ही ख़ून बहा रही है।
एक नितान्त ही स्वागतयोग्य कहानी-संग्रह।
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