Humara Sabse Bada Dushman
As low as
₹125.00
In stock
Only %1 left
SKU
9789352292936
हमारा देश इस धरती पर एक बहुत बड़ा देश है। यहाँ तीस करोड़ हिन्दू, नौ करोड़ मुसलमान और डेढ़ करोड़ के लगभग दूसरे धर्मों के मानने वाले बसे हुए हैं। सोचिए कि इस देश की बड़ाई किस बात में है? इस सवाल का ठीक जवाब यह है कि यहाँ कोई निवासी मर्द, औरत या बच्चा, बूढ़ा, चाहे वह हिन्दू हो या मुसलमान या दूसरे किसी धर्म का मानने वाला दुःखी न रहे खाने, पीने, पहनने, रहने, पढ़ने, लिखने, कमाने और तरक्की करने में उसे कोई रुकावट न हो। इस देश की बड़ाई इस बात में कभी नहीं है कि यहाँ के बसने वालों में किसी एक जाति या एक धर्म के मानने वाले तो सुख-चैन से रहें और दूसरी जाति या दूसरे धर्म के मानने वाले दुःखी और बेइज़्ज़त होकर रहें। जो सुख या धन किसी को दुःखी बनाकर या किसी को निर्धन रखकर या लूट-मार करके बेइनसाफी के साथ हासिल किया जायेगा या जो बड़ाई किसी को नीचा दिखाकर या छोटा बनाकर पायी जायेगी, न तो वह सुख सच्चा सुख होगा न वह बड़ाई सच्ची होगी। ऐसा सुख या ऐसी बड़ाई पाने का विचार हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है।